शीला आंटी मम्मी की पक्की वाली सहेली थी. पापा बड़ा इंटेरेस्ट लेते थे उन मे. लेकिन वो पापा को भाव नही देती थी. लेकिन वो मुझ मे बड़ा इंटेरेस्ट लेती थी. उन के पति बाहर विदेश मे काम करते थे ओर 6 महीने मे एक बार ही आते थे. वो अपनी सास ओर अपने दो बाकचो के साथ रहती थी यहाँ पर. हम लोगो का एक दूसरे के यहाँ आना जाना था. मम्मी पापा को कुछ दीनो के लिए बाहर जाना था. मेरे कॉलेज के एग्ज़ॅम आने वेल थे. इसलिए मैने उनके साथ जाने के लिए माना कर दिया.
शीला आंटी ने कहा, की कुछ दीनो के लिए ये हम लोगो के घर आ सकता है. उनके दोनो बाकछे अपने नाना – नानी के यहाँ गये थे. उन्होने मुझे उनका रूम दे दिया था. डिन्नर के बाद, जब सब सो गये. तो वो मेरे रूम मे दूध देने आ गयी ओर मेरे साथ बेत कर बातयन कर रही थी. मेी उस समय मोबाइल पर एक ब्लू फिल्म देख रहा था. मेरा लंड कड़क था. उन्होने शायद मेरे लंड का उभर देख लिया.
उनके पति काफ़ी समय से अँहि आए थे. तो उनके छूट मेरे लंड के उभर को देख कर गीली हो गयी ओर वो छुड़वाने के लिए तड़प उठी. वो मेरे पास बेत कर बातयन करने लगी. बातो – ही – बातो मे उन्होने मेरा मोबाइल ले लिया ओर वो ब्लू फिल्म देख ली. फिर तो क्या गजब की बेचेनी थी उन के अंदर. मेरे लंड को पकड़ कर मसल दिया. मेी दर्द से बिलबिला उठा. उन्होने मुझे मेरी जवानी का पहला सेक्स करवाया. मज़ा आ गया उनके भरे हुए श्रीर के साथ खेल कर. क्या मस्त सेक्सी औरत थी.