ही फ्रेंड्स मेरा नाम भवानी है और मैं एंपी के भोपाल का रहने वाला हू. पिच्छले 2 साल से मैं कोटा मे रहता हू क्यूंकी मेरी इंजिनियरिंग की पढ़ाई के बाद कॉंपिटेटिव एग्ज़ॅम्स के क्लास लगाए हुए हे दाद ने. यहा पर एग्ज़ॅम्स की जी तोड़ महनत के बाद मेरा इंजिनियरिंग लंड किसी की देसी छूट की पनाह के लए तड़प रहा था. यहा रंडियो के अड्डे मुझे पता नही हे और ज़्यादातर बुक वर्म्स ही हे यहा पर इसलिए किसी से पुचछा भी नही.
फिर मेरा ध्यान हमारी कंवली प्रेमा के उपर लगा. 32-35 साल की वो कंवली भी बुरी नही हे अगर सिर्फ़ लंड को चुदाई की ठंडक देनी हो. मैने सोचा की उसे ही सिड्यूस कर लेते हे भाई. प्रेमा काली हे और उसके बूब्स बड़े हे. उसकी गांद बाहर निकली हुई हे और वो डीप कट का ब्लाउस पहन के अपना आधा क्लीवेज दिखा के फिरती हे जैसे पॉर्न फिल्म्स की आडिशन कर रही हो. प्रेमा को पाटने मे ज़्यादा टाइम वेस्ट नही हुआ.
Chudai ki bhukh ke lie kamwali ko pataya
Kamwali ki desi choot ko choda
इन फॅक्ट मैने डाइरेक्ट ही वो एक दिन किचन मे बर्तन मांज रही थी तो उसके बदन की तारीफ़ की. वो शर्मा गई और मैने उसका हाथ पकड़ लिया. वो बोली कोई आ जाएगा! मैने कहा कोई आ गया तो तुम्हे 100 रुपये का नुक्षण होगा. वो हंस पड़ी. मैने बटवे से हरी पट्टी निकाल के उसके डीप कट ब्लाउस मे डाल दी. फिर उसका हाथ पकड़ के मैं उसे अपने कमरे की तरफ ले गाता. मेरे सही रूम मेट्स अभी सेंटर पर थे. मैने देसी छूट छोड़ने के पक्के प्लॅनिंग के साथ आक बंक किया हुआ था.
प्रेमा ने ज़रा भी टाइम वेस्ट नही किया. व्प प्रोफेशनल रंडी की तरह एकदम नंगी हो के बेड मे लेट भी गई. मैने भी कहा की भाड़ मे गया फोरप्ले! और अपना लंड निकल के मैने उसकी देसी छूट मे धार दिया. चिकनी और रसीली छूट मे लंड एकदम फिसल सा गया. और मैने इस तरह से अपनी कंवली की देसी छूट को छोड़ के अपने लंड को शांति दी. अब कोई टेन्षन नही हे क्यूंकी अब मुझे पता हे की मेरी चुदाई की भूख कैसे मितेगी!